RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -05-Dec-2022

दिल के दरवाजे

दिल के दरवाजे कोई दस्तक दे
आज शाम किसी के लिए हम 
मुस्कुराए और नींद में गुम होने से
पहले किसी यादों के झरोखे से
एक नया सपना सजाएं आज 
दिल के दरवाजे कोई दस्तक दे
मेरे लवों को चूम मेरी आंखों को 
पढ़ जाए, दिल की धड़कनों पर 
किसी का पहरा लगा जाएं मेरी 
ज़मीन अब किसी के नाम हो जाएं
दिल के दरवाजे कोई दस्तक दे।
      राखी सरोज 

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2 Comments

Punam verma

06-Dec-2022 07:33 AM

Very nice

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Gunjan Kamal

05-Dec-2022 04:44 PM

बहुत खूब

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